बीदर सीट: EVM में बंद उम्मीदवारों की किस्मत, 63% मतदान से होगा फैसला

लोकसभा चुनाव 2019 के तीसरे चरण में मंगलवार को कर्नाटक की बीदर लोकसभा सीट पर वोटिंग हुई. बीदर लोकसभा सीट पर 62.85 फीसदी वोटिंग रिकॉर्ड की गई, जबकि पूरे कर्नाटक की लोकसभा सीटों पर 70.37 फीसदी मतदान हुआ.


बीदर लोकसभा सीट से ईश्वर (कांग्रेस), भगवंत खुबा (भारतीय जनता पार्टी), एसएच बुखारी (बहुजन समाज पार्टी), अब्दुस सत्तार मुजाहिद (अखिल भारतीय मुस्लिम लीग-सेक्युलर), अंबरेश केंचा (उत्तमा प्रजाकिय पार्टी), दयानंद (अंबेडकराइट पार्टी ऑफ इंडिया), दयानंद (भारत प्रभात पार्टी), मोहम्मद यूनुस (प्रजा सत्ता पार्टी), मोहम्मद अब्दुल वकील (बहुजन महा पार्टी), मौलवी जमरूद्दीन (नेशनल डेवलेपमेंट पार्टी), राजकुमार (पूर्वांचल जनता पार्टी), राजांभी (भारतीय बहुजन क्रांति दल), सुग्रीव भारत (क्रांतिकारी जय हिंद सेना), संतोष (भारतीय जनक्रांति दल) चुनाव लड़ रहे हैं.


इसके साथ ही मौलप्पा, रवि, शरद, शिवराज, श्रीमंत येवाते पाटिल, अब्दुल गफ्फार और साईबन्ना निर्दलीय चुनाव मैदान में हैं. पिछले लोकसभा चुनाव में बीदर से बीजेपी ने जीत दर्ज की और पार्टी के उम्मीदवार भगवंत खुबा ने कांग्रेस के धरमसिंह को 92,222 वोटों से हाराया था. बीजेपी के पक्ष में तब 4,59,290 वोट पड़े जबिक कांग्रेस को 3,67,068 वोट मिले थे. इस चुनाव में करीब 60 फीसदी मतदान हुआ और 9.59 लाख लोगों ने अपने मताधिकार का इस्तेमाल किया था.


 


साल 2014 के लोकसभा चुनाव में कर्नाटक की तीसरी सबसे बड़ी पार्टी जेडीएस तीसरे पायदान पर रही थी और उसके खाते में करीब 6 फीसदी वोट आए थे. इसके अलावा बसपा को 1.6 फीसदी वोट मिले थे. इस चुनाव में आम आदमी पार्टी का प्रदर्शन काफी खराब था और उनके उम्मीदवार को सिर्फ 0.5 फीसदी वोट हासिल हुए थे.


शुरुआती दौर में यह सीट कांग्रेस का गढ़ हुआ करती थी लेकिन बाद में बीजेपी ने कई बार इस सीट पर जीत दर्ज की. यह सीट अनुसूचित जाति के लिए आरक्षित है और साल 2008 में इस सीट को रिजर्व सीट का दर्जा दिया गया था. इस सीट पर फिलहाल बीजेपी का कब्जा है और यहां से भगंवत खुबा लोकसभा सांसद हैं.



 


सामाजिक तानाबाना


बीदर लोकसभा सीट के अंतर्गत 22,36,250 की आबादी आती है जिनमें से करीब 16 लाख वोटर हैं. इनमें 8.39 लाख पुरुष और 7.61 लाख महिला मतदाता शामिल हैं. इस सीट की कुल आबादी का 78.12 फीसदी हिस्सा ग्रामीण और 21.88 फीसदी हिस्सा शहरी आबादी में आता है. साथ ही कुल आबादी का एक चौथाई हिस्सा अनुसूचित जाति वर्ग और 11.17 फीसदी आबादी अनुसूचित जनजाति से आती है. बीदर लोकसभा सीट के अंतर्गत कुल 8 विधानसभा सीटें भी हैं.


 


बीदर लोकसभा सीट: BJP के भगवंत के सिर दोबारा जीत का दारोमदार


राजनीतिक पृष्ठभूमि


कर्नाटक की बीदर लोकसभा सीट पहले गुलबर्गा क्षेत्र में आती थी लेकिन 1962 के चुनाव में इसे बीदर लोकसभा सीट का नाम दिया गया है. इस सीट पर अब तक कुल 16 बार चुनाव हुए हैं जिनमें से 10 बार कांग्रेस पार्टी ने यहां जीत दर्ज की है. कांग्रेस पहले इस सीट पर मजबूत पकड़ रखती थी. साल 1962 से लगातार 1989 तक इस सीट से कांग्रेस जीतती रही, इसके बाद पहली बार साल 1991 के लोकसभा चुनाव में यहां से बीजेपी को जीत मिली. इसके बाद 2004 तक लगातार बीजेपी ने यहां से जीत दर्ज की. लेकिन 2004 में हुए उपचुनाव में फिर से यह सीट कांग्रेस के कब्जे में आ गई, फिर 2009 में भी यहां से कांग्रेस को जीत मिली. लेकिन पिछले चुनाव में बीजेपी के भगवंत खुबा ने कांग्रेस के तत्कालीन सांसद धरमसिंह को करीब 92 हजार वोटों से शिकस्त दी.


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कर्नाटक के समीकरण


कर्नाटक में कुल 28 लोकसभा सीटें हैं जिनमें से 15 सीटें बीजेपी के पास हैं. इसके अलावा राज्य की 10 सीटों पर कांग्रेस और 2 सीटों पर जेडीएस का कब्जा है. कर्नाटक विधानसभा में कांग्रेस-जेडीएस गठबंधन की सरकार है और उम्मीद है कि दोनों दल लोकसभा चुनाव भी मिलकर लड़ सकते हैं. राज्य की एक सीट बेंगलुरु दक्षिण अभी खाली है, यहां से बीजेपी सांसद और केंद्रीय मंत्री अनंत कुमार का पिछले दिनों निधन हो गया था.  


बता दें कि इस चरण में कुल 14 राज्यों की 115 सीटों को शामिल किया गया है. जिसके लिए 28 मार्च को नोटिफ‍िकेशन जारी किया गया था. नामांकन भरने के लिए आखिरी तारीख 4 अप्रैल तय की गई थी. जिसके बाद 5 अप्रैल को स्क्रूटनी के बाद प्रत्याशियों के नामों पर मुहर लगा दी गई. 23 अप्रैल को मतदान के बाद 23 मई को नतीजे घोषित किए जाएंगे.


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